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Monday, September 20, 2010

भारत को टुकड़े कर हिन्दू सभ्यता को खत्म करने की साजिश


हरिराम पांडेय
माओवादियों और जेहादियों ने हाथ मिलाये
दक्षिण एशिया में पहली बार वामपंथी ताकतों और कट्टरपंथी ताकतों के ध्रुवीकरण होने के सबूत मिले हैं। अल कायदा के नम्बर तीन सुप्रीम कमांडर सईद अल मासरी उर्फ मुस्तफा अबू ला याजिद की डायरी के मुताबिक पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के 40 नक्सलियों माओवादियों के एक समूह को अल कायदा अफगानिस्तान के खोस्त और पाकिस्तान के गारदेज के बीच अपने खास कैम्प में विमान अपहरण और मामूली रसायनों से बेहद खतरनाक विस्फोटकों को बनाने और उनके उपयोग की ट्रेनिंग दे रहा है। यह समूह भारत के नक्सल प्रभावित इलाकों में अपनी कार्रवाई करेगा और जरूरत हुई तो इस्लामी चरमपंथियों को अपने हमले में मदद करेगा। इनका इरादा पूरे देश को रेड कॉरिडोर और जिहाद जोन में बदल देने का है।
इसराइली खुफिया विभाग से जुड़े एक अंग मेमरी (MEMRI; middle east media reaserch institute) ने अबू याजिद की डायरी के कुछ पन्नों का प्रमाणिक अंगरेजी अनुवाद भारतीय खुफिया एजेंसियों को मुहय्या कराया है। यह डायरी कुछ हफ्तों पहले अमरीकी ड्रोन हमले में मारे गये अबू याजिद के सामानों से अमरीकी जासूसों ने बरामद की थी। अबू अल कायदा का मिलीटरी आपरेशन और ट्रेनिंग प्रमुख था।
डायरी के अनुसार इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य अलकायदा और माओवादियों द्वारा एक दूसरे के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करना है। भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि माओवादी कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, रांची और भोपाल हवाई अड्डों से एक ही दिन अथवा अलग- अलग समय में विमानों का अपहरण कर सकते हैं। इन स्थानों में माओवादियों की पहुंच इतनी गहरी है कि उन्हें पहचान पाना अथवा कोई कार्रवाई (एक्शन) करने से रोक पाना बड़ा कठिन है। साथ ही अपने प्रभाव वाले राज्यों में वे अल कायदा या उससे जुड़े संगठनों को लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दे सकते हैं।
हालांकि भारत में अलकायदा का अस्तित्व नहीं है लेकिन उसका और लश्कर-ए-तय्यबा का काम इंडियन मुजाहिदीन और प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य देखते हैं। जहां तक सिमी के अंडरग्राउंड लोगों का सवाल है वे कहने को अंडरग्राउंड हैं पर वे किसी दूसरे चोले में एक दम सामने हैं, खास कर छात्र संगठनों के सदस्यों के रूप में।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल और झारखंड दो ऐसे प्रांत हैं जहां के मजदूर संगठनों में भी सिमी के तत्वों की घुसपैठ है और ये कभी भी अपने मंसूबों को अंजाम दे सकते हैं तथा सारा दोष नक्सलियों पर मढ़ दे सकते हैं।
डायरी के मुताबिक भारत के एक पड़ोसी देश में दिल्ली से मित्रता रखने वाली सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों की हत्या भी
इस्लामी कट्टरपंथियों का लक्ष्य है और इसमें धुर वामपंथी तत्व उनकी मदद करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकेत बंगलादेश की ओर है और निशाने पर आशंका है कि शेख हसीना वाजिद हैं।
शेख हसीना के सत्ता में आने से बंगलादेश में आतंकी गिरोहों की आमद-रफ्त कम हो गयी है उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यहां यह बता देना प्रासंगिक होगा कि बंगलादेश में सेना तक में पाकिस्तान समर्थक तत्वों की अच्छी खासी तादाद है।

कुछ दस्तावेज में बाबरी मस्जिद का हवाला भी है। दस्तावेजों में कहा गया है कि 'बाबरी मस्जिद का फैसला हमारे खिलाफ जाय ताकि इंडिया में उपद्रव का घोषित बहाना मिल सके।.. दस्तावेज में संकेत दिये गये हैं कि इंडिया को ..रेड कोरिडोर.. तथा ..जिहाद जोन.. में तकसीम कर दिये जाने के बाद तोडफ़ोड़ ओर छल से एक नयी सभ्यता का सूत्रपात किया जायेगा।
दस्तावेज में उसे..सिविलाइजेशन-जिहाडिस्ट प्रोसेस.. कहा गया है। इसके माध्यम वे हिन्दू सभ्यता को समाप्त करने का सपना बुन रहे हैं। उनका मानना है कि भारत के चारों तरफ गैर हिन्दू या हिन्दू विरोधी सरकारें हैं अतएव इस योजना से उन्हें..ग्रैंड इस्लामिक किंगडम ऑव अल्लाह... स्थापित करने में सहूलियत हो जायेगी।

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