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Thursday, December 1, 2016

व्यंग्य ः इंडिया है कि कुछ मानता ही नहीं

व्यंग्य ः ‘इंडिया कुछ मानता ही नहीं
इंडिया दैट काल्ड भारत में नोट बंदी के बाद सबसे ज्यादा हालत पाकिस्तान की अर्थ व्यवस्था की हुई। वहां के आतंकियों ने अपने रेट बढ़ा दिये और वहां की समाजव्यवस्था और सियासत में डगमगाहट आ गयी। जनरल मियां राहिल शरीफ ने भी बिना कुछ कहे घर का रुख अपना लिया कि चलो आंख फूटी पीर गयी अब बाजवा का बाजा बजेगा। उधर पाकिस्तान में लोगों से वसूली और नाहर्को टेररिज्म के आय में भी गिरावट आ गयी क्योंकि वह जो मुम्बई वाला भाई है उसके सारे छोकरे तो नोटबंदी के बाद नोट बदलने के लिये र्बैकों के सामने आ गये और जाली नोट का धंदा ही चैपट हो गया। इन सब हालात से ऊब कर मिया नवाज शरीफ एक रात  भारत आ गय(क्षमा करेंगे वे भारत भूमि पर नहीं लस्टमानंद के सपने में आये थे।) अब लस्टमानंद से जब मुलाकात हुई तो बात भी हुई। लस्टमानंद ने उनसे पूच कि मियां पी ओ के में सर्जिकल स्ट्राइक भूल गये क्या कि इधर कोलकाता में मटर गश्ती कर रहे हो।शरीफ ने मुस्कुराते हुये कहा कि मसला ए व्ला है पा ओ के ना कि सर्जिकल स्ट्राइक। इंडिया झूठ बोलता है थ्और अपने मुल्की भाइयों को बरगलाता है। अब तुम्हीं सोचो कि वह बार बार कहता है कि पी ओ के इंडिया का हिस्सा है तो ऐसे में वह हमला पाक पर कैसे हुआ। भाई मियां यह तो तुमने अपनी ही फौज से अपने इलाके में हमले कर अपने हीलोगों को मारा और बेवजह पाकिस्तान की हवा उड़ा रहे हो।यह तो इंडिया का अंदरूनी मसला है इसमें मैं क्या बताऊं। वैसे मेरी समझ संे यह मोदी साहब के दिमाग में कुछ गड़बड़ी जरूर हो गयी जिससे वे इस तरह की बहकी बहकी बातां कर रहे हैं। माशाल्लाह केजरीवाल साहब एक जहीन इंसान हैं उनहोंने सही कहा था कि कोई हमला वमला नहीं हुआ लेकिन उन्हें कोई सिरीयसली नहीं लेता। यही नही यू एन भी नहीं मानता कि हमला हुआ है। अब आप ही कहो कि आपकी सरकार कह रही है कि इस हमले में पाकिस्तान के 40 लोग मारे गये। कैसा झूठ है। अरे बाब हमने जांच करायी थी जो मरे थे वे मलेरिया और डेंगू से मरे थे। अहमक हैं मच्छरदानी नहीं लगाते थे। ... और यह नेशनल कांफ्रेंस के बुढ़ऊ मुस्तफा कमाल मियां तो सठिया गये हैं बेकार बकते यहते हैं , इज्जत संभालनी नहीं आती। मोदी साहब बोलते हैं कि पाकिस्तान अपने आतंकियों को रोके। अरे बबा, अब कैसे रोके? उन्हें फौज की हिफाजत में दे रखा है अब इससे ज्यादा क्या करेंगे। लेकिन मोदी साहब है कि अपनी बक बक से बाज नहीं आते और मीडिया वाले तो निरे अहमक हैं, बेमतलब की बात करके अपना और अपने मुल्क का वक्त खोटा करते हैं। अब देखों ना कहते फिर रहे हैं कि सार्क कांफ्रेस नहीं होने से पाकिस्तान की साख गिरी है। अरे बाबा हमने कभी इतनी ऊंची साख बनायी ही नहीं कि जब तब गिर जाय। ऐसी चीज बनायी ही क्यों जाय जो जब तब गिर जाय। अब मोदी साहब कोशिश में लगे हैं कि पाकिस्तान में सार्क नहीं हुआ और सर्जिकल स्टृइक हुआ अब वे इसी बहाने अमरीका को पट्टी पढ़ा रहे हैं कि वह पाक को अलग थलग कर दे। जब पाकिस्तान में ओसाता मिला तब तो अमरीका अलग थलग नहीं कर सका तो अब क्या करेगा। मोदी साहहब यह भूल जते हैं कि इंडिया में अमरीकी हथियार फकत यहां की सरकार ही खरीदती है  लेकिन हमारे मुल्क में सरकार के अलावा कई लोग खरीदते हैं। अब एक ग्राहक के लिये अमरीका कई खरीदरों को तंग नहीं करेगा। अब मोदी साहब यह भी कहते फिर रहे हैं ा कहो प्रचार कर रहे हैं कि पाकिस्तान की बुनियाद तीन खंभों पर है वे हैं सेना, राजनेता और आमलोग। लेकिन यह गलत है पाकिस्तान की बुनियाद मुकममल चार खंभों पर टिकी है और चौथा खंभा हैं आतंकवादी। यह लफ्ज सुनते ही नींद खुल गयी। सामने बीवी खड़ी थी हाथ में पोलीथीन का थैला लिये , बोल रही थी सुबह सुबह क्या सपना देख रहे थे कि इतना बड़बड़ा रहे थे। मैने कहा, मोहतरमा आपके भाई साहब सपने में मिले थे।

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